उदाहरण (कुण्डलिया) :-
पहिले के हीरो सभे रहे सकल गुण धाम।
अब के हीरो लोग बा होत बहुत बदनाम।
होत बहुत बदनाम अर्थ अब बदलल जाता।
अब हीरो के अर्थ बहुत कुछ जौन कहाता।
ओइ में ना बा रहत सदाचारी आ बीरो।
अब ना नीमन अर्थ कबे दे पायी हीरो॥
राखत अर्थ पुरान ना नेता आ उस्ताद।
नया अर्थ राखत दुऔ सन सैंतालिस बाद।
सन सैंतालिस बाद शब्द नेता ना भावत।
सुनतेनेता शब्द नाक जनता सिकुरावत।
उस्तादी हम देब छुड़ा रिस में जन भाखत।
नेता आ उस्ताद अर्थ औरे अब राखत॥
सवैया :-
अनुशासित होखे बदे लरिका घर से इसकूल में नित्य भेजाता।
इसकूल में जा के विनम्र बनी का दिनों दिन अउर उदण्ड देखाता।
गुरु लोग पढ़ावे बदे जे रखाइल ऊ सब फेरु पढ़ावल जाता।
बुढ़वा सुगवा गुरु का पढि़हें हमरा त प्रयास ई व्यर्थ बुझाता॥